केसर की खेती किसानों के लिए किस तरह से लाभदायक है

केसर का उत्पादन करके कृषक शानदार मुनाफा अर्जित कर सकते है। बाजार के अंदर एक किलो केसर का भाव लाखों तक रहता है। भारत में विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों और मसालों की खेती की जाती है। परंतु, भारत में उत्पादित की जाने वाली केसर की सुगंध ही कुछ अलग होती है। दुनिया भर में जिसकी खुशबू के लोग दीवाने हैं। परंतु, इसका नाम कान में पड़ते ही सबसे पहले जेहन में इसकी कीमत आती है। केसर काफी ज्यादा महंगी बिकती है। इसकी कीमत हजारों में होती है। आइए जानते हैं, कि कौन लोग इसकी पैदावार कर काफी मोटा पैसा कमा सकते हैं।

केसर का उपयोग औषधि निर्मित करने में किया जाता है

केसर का उपयोग खाने के स्वाद में चार-चांद लगाने के साथ-साथ औषधि निर्मित करने में भी किया जाता है।
केसर की खेती विशेष रूप से उत्तर भारत के कुछ राज्यों में की जाती है। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश प्रमुख तौर पर अपनी भूमिका अदा करते हैं। यहां के अनुकूल मौसम एवं लाल मिट्टी की वजह से यहां केसर की काफी अच्छी पैदावार होती है। इसकी खेती लोगों के लिए आर्थिक तौर पर भी लाभकारी साबित होती है।

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केसर के फूल का रंग कैसा होता है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि जब केसर के पौधों में फूल आते हैं। ऐसे में केसर के फूलों को तोड़ लिया जाता है। केसर का फूल हल्के बैंगनी रंग का होता है। इसके भीतर पुंकेसर लाल अथवा केसरी रंग का होता है। विशेषज्ञों का कहना है, कि करीब 150 से 170 केसर के फूलों में से निकले पुंकेसर से एक ग्राम बनता है। केसर की खेती का एक फायदा यह भी है, कि इसके लिए बार-बार बीज रोपण की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जानकारों का कहना है, कि 15 सालों तक इसमें फूल लगते रहते हैं।

केसर की खेती इन पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है

बतादें, कि केसर की खेती भारत के किसी भी राज्य में रहने वाला किसान कर सकता है। परंतु, इसकी खेती करने के लिए उपयुक्त मौसम एवं मिट्टी हर स्थान पर नहीं मिलती है। इस वजह से इसकी खेती कुछ ही हिस्सों में की जाती है। इसलिए पहाड़ी क्षेत्रों में प्रमुख तौर पर कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में रहने वाले लोग इसका व्यापार कर के शानदार मुनाफा हांसिल कर सकते हैं। बतादें, कि बाजार में बेहद ही अधिक मांग में रहने के चलते इसकी कीमतें भी काफी अधिक रहती हैं।